Ranchi - 15 नवंबर 2000 का दिन जब बिहार से अलग हो कर झारखंड एक स्वतंत्र राज्य बना और इसके साथ ही सम्पूर्ण झारखंड में एस स्वप्न के पुरे होने की तरह की ख़ुशी की लहर दौर गई| जोहार झारखंड जैसे शाब्दिक नारों के साथ ढोल और ताशों पर क्षेत्रीय संगीत (Local Music) के साथ नृत्य और गायन के सभी ओर खुशियाँ थी| झारखंड स्वतंत्र राज्य बन चुका था 'आबुआ ढिशुम आबुआ राज' का सपना पूरा हो चुका था| इतना ही नहीं झारखण्ड निर्माण के पीछे तिलका मांझी, सिद्धू कान्हू, बिरसा मुंडा, चाँद भैरव तेलंग खड़िया, शेख भिखारी, आदि महान हस्तियों का भी सपना पूरा हुआ|
जब झारखंड बना तो उज्जवल और विकसित झारखंडी भविष्य का भी एक सपना खुद में संजोने लगा| सपना था कि सदियों से तिरस्कृत रहे गरीब और भूखे नंगे झारखंडी आदिवासियों का अबुआ राज होगा| सपना था कि गरीब आदिवासियों का उत्थान होगा, झारखंड वासियों की आशातीत उन्नति होगी| परन्तु हर सपने पुरे नहीं होते और राजनैतिक गलियारों से हो कर दिखाए जाने वाले स्वप्नों का हर्श होता है वही धोखा झारखण्ड वासियों को झेलना पड़ा|
आज झारखण्ड को बने 22 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है परन्तु आज भी पूर्व से शोषित आदिवासी समाज हासिये पर ही है| झारखण्ड के पास प्रचुर प्राकृतिक संसाधन होने के बावजूद भी आज भी झारखण्ड की स्थिति देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों के रूप में होती है| असीमित संसाधनों के मौजूदगी से जहाँ झारखंड को लगातार उन्नति के नए रास्तों पर चलना था, जहाँ के वासियों को फलना फूलना था वहीँ पर बेरोजगारी, अशिक्षा, नक्शलवाद, कुपोषण, बीमारी और पलायन फल फूल रहा है| इन सब का कारण बस इतना है कि झारखण्ड को बनाने वाले राजनेता अपने स्वार्थ और धनलोलुपता में इतने लीन है कि इन्हें झारखण्ड और यहाँ के वासियों के विकास से नहीं वरण खुद के विकास, भ्रष्टाचार और अराजकता से ज्यादा प्रेम है|
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अगर बात करे झारखण्ड में हुए घोटालो (Scams) की तो जितनी उम्र इस राज्य की है उससे अधिक मामले यहाँ पर राज करने वाले राजनेताओं के खिलाफ घोटालों और अराजकताओं के हैं| राज्य निर्माण के साथ ही घोटालो का सिलसिला भी शुरू हो गया| यही कारण है कि झारखण्ड निर्माण के 22 वर्ष से भी अधिक समय के बाद भी आज झारखण्ड भारत के सबसे पिछले राज्यों में से एक के रूप में गिना जाता है|
आईये नजर डालते है यहाँ के कुछ बड़े और महत्वपूर्ण घोटालो पर-
मैनहर्ट घोटाला (Manhart Scam)
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कोयला घोटाला (Coal Scam)
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला (34th National Games Scam)
दवा घोटाला (Medicine Scam)
मधुकोड़ा के सरकार में भानु प्रताप शाही (Bhanu Pratap Shahi) को स्वस्थ्य मंत्री बनाया गया था| शाही 2005 में भवनाथपुर से चुनाव लड़े और जीते बतौर स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप पर दवा घोटाले का आरोप लगा| 130 करोड़ रुपये दवा घोटाले के मामले तीन लोगों के खिलाफ आरोप तय हो चुका है| दवा घोटाले के आरोपी झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही, आईएएस अधिकारी व संप्रति प्रमंडलीय आयुक्त डॉ प्रदीप कुमार और पूर्व स्वास्थ्य सचिव सियाराम प्रसाद के खिलाफ आज सीबीआई की अदालत ने आरोप तय कर दिया। सभी के खिलाफ अब मुकदमा चलेगा। आठ साल बाद हुआ आरोप तय। 130 करोड़ रुपए से अधिक का है घोटाला।
इतना ही नहीं ऐसे बहुत से और भी घोटाले हैं जिन्हें हम आगे के आर्टिकल्स में आप तक लायेंगे| हर घोटाले से संबंधित एक एक जानकारी विस्तृत रूप से हम आप तक लायेंगे अपने घोटालेबाज सिरीज़ में|
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